Kishore Kumar Rajak Kaun Hai? Kishore Kumar Rajak Biography

DSP  Kishore Kumar Rajak

Kishore Kumar Rajak Kaun Hai? एक दलित वर्ग में जन्मे  छोटी जाति से थे। पैसों की तंगी थी इसलिए उन्होंने परिवार में हाथ बटाने के लिए खेतों में काम किया। बचपन से ही एक अधिकारी बनने का शौक था इसलिए आज यह अपनी कड़ी परिश्रम और कई सारे परीक्षा में सफल होने से एक बड़ी मुकाम पर है 

Kishore Kumar Rajak Kaun Hai? 

Kishore Kumar  पेशे से झारखंड के बोकारो जिले के चंदन के विधानसभा के रहने वाले है। प्रथम प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने वाले किशोर कुमार रजक आज अपने ही गांव झारखंड में डीएसपी के रूप में कार्यरत है। 

प्रारंभिक जीवन

डीएसपी के रूप में कार्यरत Kishore Kumar रजक का जन्म 1989,में झारखंड के बोकारो जिले के छोटे से गांव में हुआ। परिवार में उनके पिताजी का नाम दुर्योधन और माताजी का नाम रेणुका देवी है, शुरू से ही गरीबी में बीता बचपन आज उन्होंने ऐसी मुकाम हासिल कर ली है जिससे उनके माता पिता भी नहीं सोच सकते।  

जी हां हम बात कर रहे है झारखंड  के डीएसपी में कार्यरत Kishore Kumar जी की को आज अपनी मेहनत पर एक सरकारी अधिकारी की एक बड़ी पोस्ट पर नियुक्त हैं।खेती से जुड़े किशोर जी कभी बकरियां चराया करते या खेतों में अलग अलग काम भी किया करते थे। गरीबी  कारण अपनी पढ़ाई  लालटेन या तो चिमनी की रोशनी में पढ़ते थे। 

परिवार में इनके पिताजी दुरियोधन तथा माताजी रेनुका देवी Kishore  जी को आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रेरित करती थी उनके पिताजी भी खेतों में खेती से जुड़े सभी कार्य करते थे जिससे उनके परिवार का पालन पोषण होता था।

1989 में हुआ उनका जन्म 2015 उन्हीं के गांव में डीएसपी नियुक्त कर दिया गया है। गरीबी से निकलकर एक डीएसपी बनना वाकई काबिले तारीफ है।

Pratik Gandhi biography in Hindi. SCAM 1992 

Parivar/ परिवार 

Kishore Kumar के परिवार में माता पिता नाम दुर्योधन और माताजी  नाम रेणुका देवी है। Kishore Kumar से बड़े इनके चार भाई और एक बहन होने  नाते यह परिवार में सबसे छोटे है 2017 में अपनी शादी की जो की उनकी पत्नी का नाम  वर्षा श्रीवास्तव है। 

Kishore Kumar  बताते है कि मुझे पढ़ाने लिए इनके पिताजी अपने परिवार का खर्चा निकालने लिए कोयला खदान में मजदूरी किया करते थे जबकि उनकी माताजी एक हाउसवाइफ थी 

 किशोर कुमार रजक से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

 पहली बार स्नातक की डिग्री में फेल होने के बाद 2008 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

झारखंड से दिल्ली तक पहुंचने  लिए पैसे  होने के कारण उनकी बहन ने अपनी गुल्लक तोड़कर कुछ पैसे दिए ताकि वे अपनी यूपीएससी की तैयारी कर सकें।

अपनी पढ़ाई दिए कि रोशनी  किया करते थे।

अपनी कड़ी परिश्रम और मेहनत के कारण 2015 में डीएसपी कार्यरत घोषित किए गए