Sushil Kumar Biography In Hindi – age, wife, net worth, parents, career, record, achievements, controversy, and more. (सुशील कुमार की जीवनी हिंदी में – उम्र, पत्नी, कुल संपत्ति, माता-पिता, करियर, रिकॉर्ड, उपलब्धियां, विवाद और बहुत कुछ)
सुशील कुमार कौन है?
आज के इस लेख में हम आपको भारत के धाकड़ कुश्ती पहलवान सुशील कुमार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ना कि कुश्ती में भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि भारत के लिए गोल्ड मेडल भी जीता है। सुशील कुमार उन चुनिंदा कुश्ती पहलवानों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने जीवन से लेकर कैरियर तक काफी उतार-चढ़ाव देख है। लेकिन आज सुशील कुमार भारत के लोगों के बीच इतने लोकप्रिय हो चुके हैं, की उनके प्रशंसक उनका मैच देखने के लिए काफी उत्साहित होते हैं। तो चलिए जानते हैं, सुशील कुमार की अनकही और अनसुनी कहानी के बारे में।
सुशील कुमार का पूरा नाम सुशील कुमार सोलंकी है, जिनका जन्म 26 मई 1983 को दिल्ली में हुआ था। यह भारतीय पूर्व कुश्ती पहलवान है, जिन्होंने साल 2010 में हुए विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा सुशील कुमार ने साल 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में 74 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। साथ ही उन्होंने 2012 में लंदन ओलंपिक तथा ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने साल 2003 2005 2007 2009 और 2017 में हुए राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।
Sushil Kumar Biography In Hindi
नाम | सुशील कुमार |
जन्म तिथि | 26 मई 1983 (दिल्ली) |
आयु | 38 साल (2021) |
पेशा | कुश्ती पहलवान |
अभिभावक | दीवान सिंह/कमला देवी |
पत्नी | savi kumar |
कुल मूल्य | 5 मिलीयन (2022) |
कोच | सतपाल सिंह |
राशि | मिथुन राशि |
प्रसिद्ध | विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता |
ऊंचाई | 1.66 मी |
वजन | 66 किलो |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
Sushil Kumar information In Hindi
भारत के कुश्ती पहलवान सुशील कुमार का जन्म 26 मई 1983 को दिल्ली के बापरोला गांव में एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम दीवान सिंह है, जोकि एमटीएनएल दिल्ली में एक ड्राइवर थे। इसके अलावा उनकी मां का नाम कमला देवी है, जो कि एक ग्रहणी है। सुशील कुमार को पहलवानी में काफी दिलचस्पी थी, जिसके चलते सुशील कुमार अपने पिता और अपने चचेरे भाई संदीप द्वारा कुश्ती करने के लिए प्रेरित हुए। कुश्ती में दिलचस्पी होने के कारण सुशील कुमार छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़े में केवल 14 साल की उम्र से ही पहलवानी करना शुरू कर दी थी।
अगर बात करें उनकी पढ़ाई की तो उन्होंने अपनी पढ़ाई नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, और वही दादरी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।\
करियर
अगर बात करें सुशील कुमार की करियर की तो उन्होंने सिर्फ 14 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़े में पहलवानी करना शुरू कि, जहां उनके कोच यशवीर और रामफल थे, जो उन्हें कुश्ती के मूव सिखाया करते थे। पहलवानी में अनुभव लेने के बाद सुशील कुमार को सफलता तब मिली जब उन्हें विश्व कैडेट खेलों में अपने वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने साल 2000 में एशियाई जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यहां से सुशील कुमार एक बेहतरीन कुश्ती पहलवान बनने की राह पर निकले थे, जिसके चलते उन्होंने साल 2003 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक और राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर पूरे गांव में अपने नाम का डंका बजवाया।
लेकिन साल 2004 में एथेंस में हुए ओलंपिक खेलों में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा जहां वे 60 किलो ग्राम भार वर्ग में 14वें स्थान पर रहे। लेकिन उन्होंने अपना मनोबल टूटने नहीं दिया तथा इसके बाद उन्होंने अपने खेल में सुधार किया और साल 2005 और 2007 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर दोबारा अपने आपको पहलवानी में सबसे बेहतरीन साबित किया, इसके अलावा सुशील कुमार ने विश्व चैंपियनशिप में भी अपना हाथ आजमाया जहां उन्होंने साल 2007 कुश्ती विश्व चैंपियनशिप में सातवें स्थान पर रहे। साथ ही उन्होंने साल 2008 में हुए ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक अपने नाम किया।
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता
लेकिन सुशील कुमार को अपनी असली पहचान तब मिली जब उन्होंने साल 2010 में मॉस्को में हुए 66 किलो वर्ग की कैटेगरी में विश्व चैंपियनशिप कुश्ती में गोल्ड मेडल जीता, विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद सुशील कुमार भारतीय लोगों के दिलों में अपनी पहचान बनाने में कामयाबी हुए तथा सरकार की ओर से उन्हें कुछ कीमती तोहफे भी सम्मानित के तौर पर दिए गए।
सुशील कुमार के पास ओलंपिक खेलों में एक सिल्वर मेडल एक कांस्य पदक मौजूद है, उनके पास विश्व चैंपियनशिप में एक गोल्ड मेडल है। इसके अलावा सुशील कुमार के पास एशिया चैंपियनशिप में एक गोल्ड मेडल एक सिल्वर मेडल, दो ब्रोंज मेडल तथा राष्ट्रमंडल खेलों में तीन गोल्ड मेडल मौजूद हैं, कुल मिलाकर सुशील कुमार के पास 5 गोल्ड मेडल दो सिल्वर मेडल और चार ब्रोंज मेडल शामिल है।
उपलब्धियां
- 2014 – कॉमनवेल्थ गेम्स
- 2012 – सिल्वर मैडल ओलिंपिक
- 2010 – गोल्ड मैडल , कॉमनवेल्थ गेम्स
- 2008 – ब्रोज़ मैडल, बीजिंग ओलम्पिक्स
- 2003 – गोल्ड मैडल , राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप
- 2003 – सिल्वर मैडल , एशियन कुश्ती चैंपियनशिप
- 2007 – गोल्ड मैडल , राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप
- 2005 – गोल्ड मैडल , राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप
- 2008 – ब्रोज़ मैडल , एशियन कुश्ती चैंपियनशिप
- 2010 – गोल्ड मैडल , विश्व कुश्ती चैंपियनशिप
पुरस्कार, पुरस्कार और मान्यता
- पद्म श्री – साल 2011
- अर्जुन पुरस्कार – साल 2005
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (संयुक्त), भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान।
2008 बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल के लिए
- हरियाणा पुलिस विभाग में डीएसपी रैंक।
- दिल्ली सरकार की ओर से ₹5 मिलियन नकद पुरस्कार।
- हरियाणा सरकार द्वारा ₹2.5 मिलियन पुरस्कार।
- भारत के इस्पात मंत्रालय द्वारा ₹2.5 मिलियन नकद पुरस्कार।
2010 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल के लिए
- दिल्ली सरकार की ओर से ₹1 मिलियन का नकद पुरस्कार।
- भारतीय खेल प्राधिकरण, (भारत सरकार) की ओर से ₹1 मिलियन का नकद पुरस्कार।
2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल के लिए
- हरियाणा सरकार की ओर से ₹15 मिलियन का नकद इनाम।
- भारतीय रेलवे की ओर से ₹7.5 मिलियन का नकद इनाम।
विवाद
दरअसल कुछ समय पहले दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 2 पहलवानो के बीच में किसी बात को लेकर मारपीट शुरू हुई, जिसके बाद दोनों पहलवानो के बीच हालात गंभीर होने लगे. इस झड़प के दौरान 23 साल के पूर्व जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियन सागर की मृत्यु हो गई. इस मारपीट में भारतीय पहलवान सुशील कुमार भी शामिल थे,और उनपर हत्या का आरोप भी लगाया गया जिसके बाद दिल्ली पुलिस में केस दर्ज करते हुए सुशील कुमार और उनके साथी को पुलिस की रिमांड में लिया गया।
FAQ
सुशील कुमार कौन है?
पहलवान सुशील कुमार की पत्नी का नाम क्या है?
सुशील कुमार की कितनी संपत्ति है!
भारतीय पहलवान सुशील कुमार कौन से खेल से संबंधित है?
सुशील कुमार के गुरु का नाम क्या था?
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नोट– यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम सुशील कुमार को देते हैं, क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?