कौन है, रमेश चन्द्र दत्त ? (Who is Romesh Chunder Dutt)
रमेशचंद्र दत्त जिन्हे आर.सी. दत्त के नाम से भी जाना जाता है। यह एक भारतीय प्रसिद्ध अंग्रेज़ी और बंगला भाषा के जाने-माने प्रशासक, आर्थिक इतिहासज्ञ और लेखक थे, जिन्होंने रामायण व महाभारत का अनुवाद भी किया था। इनका जन्म 13 अगस्त, 1848 को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे, जिन्होंने वर्ष 1899 में अध्यक्ष का पद गृह किया। भारतीय राष्ट्रवाद के नेताओं में से एक, आर.सी. दत्त के आर्थिक सिद्धांतों का इतिहास में प्रमुख स्थान है। इनकी पहली किताब ‘’पीसैंट्री ऑफ बंगाल’’ साल 1875 में लिखी गई, जो किसानों की आर्थिक समस्याओं पर आधारित थी।
RC (Romesh Chunder) Dutt Biography In Hindi
name/नाम | रमेशचंद्र दत्त |
DOB/जन्म तिथि | 13 अगस्त 1848 |
birthplace/जन्मस्थान | कलकत्ता (कोलकाता) |
profession/पेशा | अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ |
family/परिवार | इसम चन्द्र दत्त’ और माता ‘ठकमणि |
wife/पत्नी | मनमोहिनी दत्त |
political party/राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
death/मृत्यु | 30 नवम्बर 1909 |
age(मृत्यु के समय) | 61 साल (1909) |
religion/धर्म | हिन्दू |
nationality/राष्ट्रीयता | भारतीय |
आर.सी. दत्त का जीवन परिचय ( RC Dutt Biography In Hindi )
आर.सी. दत्त जिनका पूरा नाम रमेशचन्द्र दत्त था। इनका जन्म 13 अगस्त 1848 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में एक संम्पन्न परिवार में हुआ था, क्योकि रमेशचन्द्र दत्त के परिवार ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी के साथ व्यापार कर काफ़ी सम्पत्ति प्राप्त की. इनके पिता का नाम इसम चन्द्र दत्त और माता का नाम ठकमणि देवी था। इनके पिता बंगाल के डिप्टी कलेक्टर थे, जो एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई और आर.सी. दत्त पालन पोषण और देखभाल उनके चाचा शशी चन्द्र ने की. इन्होंने वर्ष 1864 में स्नातक की शिक्षा हासिल करने के लिए ‘कलकत्ता विश्वविद्यालय’ में दाखिला लिया और अपनी उच्च स्तर पर शिक्षा पूरी की। बाद में इन्होने अपने अपने दोस्त के साथ साल 1868 में आई.सी.एस. (ICS) की परीक्षा देने के लिए इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने वर्ष 1869 में परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया।
प्रशासनिक जीवन
आई.सी.एस. की परीक्षा देने के बाद वर्ष 1871 में भारत वापस आने के बाद इन्होंने अपने तीन वर्षो के इंग्लैंड प्रवास के विषय में एक पुस्तक ‘थ्री ईयर्स इन इंग्लैड‘ लिखी। भारत आने के बाद इन्होंने अनेक प्रशासनिक पदों का कार्यभार सँभाला तथा उड़ीसा के कमिश्नर एवं पोलिटिकल एजेंट रहे, यही नहीं वह बड़ौदा के दीवान और रॉयल कमीशन के सदस्य भी रहे। किसानों की आर्थिक समस्याओं पर उनकी पहली पुस्तक “पीसैंट्री ऑफ बंगाल” थी, जो वर्ष 1875 में लिखी गई थी। इस पुस्तक में व्यक्त विचार पूरी तरह से 1900 में प्रकाशित “फैमिन्स इन इंडिया” में शामिल किया गया है।
आर.सी. दत्त (रमेश चन्द्र दत्त) 1882 में बंगाल के विभिन्न जिलों में प्रशासनिक कार्य भी सभांलते रहे। साल 1883 में जिला मजिस्ट्रेट बने और 1894 में बर्धमान जिले के डिप्टी कमिश्नर नियुक्त किये गये। उन्नीसवीं सदी में इतने बड़े पद पर पहुँचने वाले वे वह एकमात्र पहले भारतीय यक्ति थे।। सिविल सर्विस से रिटायर होने के कुछ ही समय बाद वह यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में भारतीय इतिहास के प्रोफेसर नियुक्ति किए गए। और साल 1899 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के अध्यक्ष बने।
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पुरस्कार
- (1892) में भारतीय साम्राज्य की सहयोगी
निधन
- आर.सी. दत्त यानी रमेशचन्द्र दत्त 30 नवंबर 1909 को 61 वर्ष की आयु में बड़ौदा स्थान पर निधन हो गया।
FAQ
यह एक भारतीय प्रशासक, आर्थिक इतिहासकार और साहित्य लेखक थे।
रमेशचंद्र दत्त।
13 अगस्त 1848 को कलकत्ता में।
“पीसैंट्री ऑफ बंगाल”
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नोट- यह संपूर्ण बायोग्राफी का श्रय हम रमेश चंद्र दत्त को देते हैं क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?