Isaac Newton Biography in Hindi – आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे , गति और प्रक्रियाओं के क्षेत्र में विज्ञान को एक नई दिशा दिलाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण योगदान के लिए विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त की। ग्रेविटी का सूत्र देने वाले प्रख्यात वैज्ञानिक का नाम आइजैक न्यूटन है । इस पोस्ट में आपको हम आइजेक न्यूटन की जीवनी, परिवार और उनके अविष्कार के बारे में में बात करेंगे। तो चलिए जानते है –
who is Isaac Newton? | आइजैक न्यूटन कौन है?
आइजैक न्यूटन जिन्हे न्यूटन के लॉ के रूप में जाना जाता है, यह एक इंग्लैंड के गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी, खगोलशास्त्री और दार्शनिक थे, जिन्हें इतिहास में सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों में से एक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म 3 जनवरी 1643 को इंग्लैंड में हुआ था। आइजैक न्यूटन अपने कुछ अविष्कार के लिए प्रख्यात है, जिसमे रेफ्लेक्टिंग टेलिस्कोप, न्यूटन रिंग लॉ ऑफ़ मोशन हामिल है। उन्होंने अपने सिद्धांत और विज्ञान तथा गणित के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस महान वैज्ञानिक की 31 मार्च 1727 को मृत्यु हो गई लेकिन विज्ञानं के क्षेत्र अहम योगदान दिया
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Isaac Newton’s Biography in Hindi
name/नाम | आइजैक न्यूटन |
know for/जाने जाते | न्यूटन के लॉ के रूप में |
DOB/जन्मतिथि | 3 जनवरी 1643 |
birthplace/जन्मस्थान | वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, इंग्लैंड |
age/उम्र | 84 साल (death time) |
profession/पेशा | गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी, खगोलशास्त्री और दार्शनिक |
parents/माता-पिता | आइजैक न्यूटन/हन्ना ऐस्क्फ |
death/मृत्यु | 31 मार्च 1727 |
religion/धर्म | ईसाई |
nationality/राष्ट्रीयता | ब्रिटिश |
biography of Isaac Newton in Hindi
दुनिया के महान वैज्ञानिक में से एक सर आइज़ैक न्यूटन का जन्म वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, इंग्लैंड में हुआ। उनके पिता का नाम आइज़ैक न्यूटन ही था, उनके पिता एक समृद्ध किसान थे, न्यूटन के जन्म से तीन महीने पहले न्यूटन के पिता का मृत्यु हो गई, जिसके कारण परिवार में आर्थिक तंगी होने लगी जिसके चलते उनकी माँ हन्ना ऐसकॉफ़ ने थॉमस स्मिथ नाम के व्यक्ति से दूसरी शादी कर ली।
बात करे न्यूटन की प्रारंभिक शिक्षा की तो न्यूटन ने अपनी शिक्षा ग्रांथम के किंग्स स्कूल में शुरू की, जहाँ वह अपनी नानी के साथ रहते थे। यही से उन्हें यांत्रिक उपकरणों और गणित में काफी रूचि बढ़ने लगी।
साल 1661 में, न्यूटन ने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने गणित, प्राकृतिक दर्शन और प्रकाशिकी का अध्ययन किया। शुरुआत में उन्हें “किंग्स स्कॉलर” नामक छात्रवृत्ति द्वारा आर्थिक रूप से समर्थन किया गया। 1669 में, न्यूटन को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के लुकासियन प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था, इस दौरान उन्होंने कई खोजे की। साथ ही गुरुत्वाकर्षण के अपने नियम तैयार किए।
isaac newton career | आइज़ैक न्यूटन का करियर
अपनी प्रारंभिक और बड़े स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने के बाद न्यूटन ने स्वतंत्र रूप से कैलकुलस विकसित किया और आधुनिक कैलकुलस की नींव रखी। उनके साद न्यूटन का सा 1687 में “फिलोसोफी नेचुरलिस प्रिंसिपिया मैथमेटिका” (“प्रिंसिपिया“) के रूप में प्रकाशित हुआ।
इसके बाद न्यूटन ने प्रकाशिकी में प्रयोग किए, प्रिज्म का उपयोग करके यह सिद्ध किया कि सफेद रोशनी रंगों के एक स्पेक्ट्रम से बनी होती है। उन्होंने 1704 में “ऑप्टिक्स” प्रकाशित किया, जिसमें प्रकाश और रंग पर उनके प्रयोगों और सिद्धांतों का विवरण था।
इसे बाद न्यूटन ने एक नियम बताया जिसके लिए वह प्रख्यात है, उन्होंने गति के तीन नियम बनाए, जिन्होंने शास्त्रीय यांत्रिकी की नींव रखी। उन्होंने द्रव्यमान वाली वस्तुओं के बीच आकर्षण बल की व्याख्या करते हुए सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम विकसित किया। न्यूटन के इस काम को लेकर विज्ञानं के क्षेत्र में उनकी बहुत सहराना की गई जिसके बाद उन्हें रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष बनाया गया।
Isaac Newton’s Inventions list
Reflecting Telescope
Newton’s Rings
Laws of Motion
Law of Universal Gravitation
Binomial Theorem
Newton and the Refraction of Light
describe law of newton | न्यूटन के नियम का वर्णन
- न्यूटन का पहला नियम (जड़त्व का नियम): यह कानून बताता है, एक वस्तु तब तक स्थिर बनी रहेगी जब तक उस पर कोई बल ना लगाया जाए और एक वस्तु तब तक गतिमान रहेगी जब तक इस पर कोई बल ना लगाया जाए।
- न्यूटन का दूसरा नियम (F = ma): यह नियम किसी वस्तु पर लगाए गए बल (F) को उसके द्रव्यमान (m) और त्वरण (a) से जोड़ता है। गणितीय रूप से, इसे F = ma के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- न्यूटन का तीसरा नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया): यह नियम बताता है, जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु विपरीत दिशा में उतना ही बल लगाती है।
Isaac Newton quotes in hindi
ज्ञान समुद्र की तरह है, जिसका किनारा हमें हमेशा दूसरी जगह ले जाता है.
किसी चीज़ को समझने के लिए, हमें उसे बिना सोचे-समझे नहीं देखना चाहिए।
बिना दुश्मन बनाए बात बनाने की आदत ही चतुराई है।
बिना दुश्मन बनाए बात बनाने की आदत ही चतुराई है।
में ब्रह्मांड के पिंडों की गणना तो कर सकता हु लेकिन इंसानो के पागलपन की नही।
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नोट- यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम आइज़ैक न्यूटन को देते हैं, क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?