बिरजू महाराज का जीवन परिचय – आयु, जन्मतिथि, शास्त्रीय नृत्य करियर, माता-पिता, धर्म, पुरस्कार, उपलब्धियां, और बिरजू महाराज के बारे में बहुत कुछ ( Birju Maharaj Biography in Hindi – age, DOB, classic dancing career, parents, religion, awards, achievements, and more about birju maharaj )
बिरजू महाराज कौन है ? (Who is Birju Maharaj)
बिरजू महाराज जिनका पूरा नाम पंडित बृज मोहन मिश्र है, यह एक भारतीय प्रसिद्ध कत्थक नर्तक थे, जो लखनऊ के जाने माने कत्थक में से एक थे। यह कत्थक के साथ-साथ शास्त्रीय गायक में भी थे। बिरजू महाराज ने कत्थक नृत्य में कई नए नृत्य नाटिकाओ को जोड़कर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इन्होंने अपने चाचा शंभू महाराज के साथ नई दिल्ली में भारतीय कला केंद्र चलाया जो कि आगे चलकर कत्थक केंद्र के नाम से जाना जाने लगा। इन्हें 2012 में फिल्म विश्वरूपम के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक हेतु राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 17 जनवरी 2022 को दिल का दौरा पड़ने से भारतीय प्रसिद्ध शास्त्रीय कत्थक नर्तक बिरजू महाराज का निधन हुआ था।
Birju Maharaj Biography in Hindi – बिरजू महाराज का जीवन परिचय
question (प्रश्न) | answer (उत्तर) |
name/नाम | बिरजू महाराज |
DOB/जन्मतिथि | 4 फरवरी 1938 (उत्तर प्रदेश,लखनऊ) |
Profession/पेशा | भारतीय प्रसिद्ध कत्थक नर्तक |
parents/माता पिता | अच्छन महाराज/अम्मा जी महाराज |
famous for/प्रसिद्ध | कत्थक नर्तक or शास्त्रीय गायक |
religion/धर्म | हिंदी धर्म |
awards/पुरस्कार | 1986 (पद्म विभूषण) |
Age(At The Time Of Death)/आयु (मृत्यु के समय) | 84 साल |
nationality/राष्ट्रीयता | भारतीय |
Biography of famous Birju Maharaj in Hindi
भारतीय प्रसिद्ध शास्त्रीय कत्थक नर्तक बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ । शुरुआत में बिरजू महाराज का नाम दुखहरण रखा गया लेकिन बाद में इनका नाम बृजमोहन नाथ मिश्र नाम दिया गया। इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था जो कि अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। बिरजू महाराज के पिता जगन्नाथ महाराज उन्हें कला से जुड़ी ज्ञान की शिक्षा देते थे, लेकिन जल्द ही उनके पिता की मृत्यु होने के चलते बिरजू महाराज के चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज ने उन्हें कला का ज्ञान दिया। जब उनके पिता की मृत्यु हुई तब बिरजू महाराज केवल 9 वर्ष के थे।
बाद में अपने चाचा से कत्थक की बारीकियां सीखने के बाद केवल 13 साल की उम्र में एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया। और साथ ही बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकैडमी में कथक केंद्र में शिक्षक की टीम का नेतृत्व करने का मौका प्राप्त हुआ। बिरजू महाराज ने कत्थक के साथ-साथ संगीत में भी अपना हाथ आजमाया और महज 7 साल की उम्र में उन्होंने संगीत सीखना शुरू कर दिया, और दादरा, भजन, गजलों आदि भारतीय संगीत शैली में अपना मजबूत पकड़ बना ली।
बिरजू महाराज का फिल्म करियर (Film career of Birju Maharaj)
बिरजू महाराज ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत सत्यजीत राय की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी के साथ की जहां उन्होंने संगीत की रचना के साथ-साथ दो गानों पर नृत्य के लिए गायन भी किया। इसके बाद 2002 में आई भारतीय हिंदी फिल्म देवदास में बिरजू महाराज ने काहे छेड़ मोहे गाने को कोरियोग्राफ किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय हिंदी फिल्म जैसे उमराव जान, डेढ इश्किया, तथा संजय लीला वैशाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी में कई गानों को कोरियोग्राफर के रूप में काम किया।
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पुरस्कार और उपलब्धियां (birju maharaj Awards and achievements)
- पद्म विभूषण
- राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
- कालिदास सम्मान
- लता मंगेशकर पुरस्कार
- संगम कला पुरस्कार
- भारत मुनि सम्मान
- नत्य विलास पुरस्कार
- सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार
- राष्ट्रीय नृत्य शिरोमणि पुरस्कार
फिल्म पुरस्कार (Film Awards)
- 2012 – फिल्म विश्वरूपम के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
- 2016 – फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का फिल्मफेयर अवार्ड
some FAQ (कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
बिरजू महाराज कौन थे?
बिरजू महाराज की मृत्यु कब हुई?
पंडित बिरजू महाराज किस घराने के वंशज थे?
बिरजू महाराज को कौन से पुरस्कार से सम्मानित किया गया है?
बिरजू महाराज का जन्म कब और कहाँ हुआ?
बिरजू महाराज के पिता का क्या नाम था?
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नोट– यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम बिरजू महाराज को देते हैं क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?