भूपेन हजारिका कौन है? | Who is Bhupen Hazarika
डॉ भूपेन हाजरिका एक भारतीय पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के मशहूर कलाकार, गीतकार, संगीतकार और गायक थे। साथ ही भूपेन हाजरिका असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे है। इनका जन्म 8 सितंबर 1926 को असम में हुआ था। वे भारत के ऐसे कलाकार थे, जो म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने गीत खुद लिखते, उन्हें संगीतबद्ध करते, और खुद गाते थे। म्यूजिक के क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने के लिए भूपेन हाजरिका को सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया। तथा भूपेन हाजरिका के 96वें जन्मदिन के याद में गूगल ने खास डूडल बनाया और सम्मानित किया।
Bhupen Hazarika Biography – भूपेन हजारिका के बारे में
name/नाम | भूपेन हाजरिका |
know for/जाने जाते | गीतकार, संगीतकार और गायक के रूप में |
DOB/जन्म तिथि | 8 सितंबर 1926 |
birthplace/जन्मस्थान | असम, तिनसुकिया, सदिया |
profession/पेशा | गीतकार, संगीतकार और गायक |
family/परिवार | पिता – नीलकांत माँ – शांतिप्रिया पत्नी – प्रियम हजारिका बच्चे – तेज हजारिका |
wife/पत्नी | प्रियम हजारिका |
sachool /स्कूल | सोनाराम हाई स्कूल धुबरी गवर्नमेंट हाई स्कूल तेजपुर हाई स्कूल |
collage/कॉलेज | कॉटन कॉलेज और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय |
debut/डेब्यू | उन्होंने गाने की शुरुआत तब की जब भूपेन हजारिका 10 साल के थे। |
political/राजनीतिक | भारतीय जनता पार्टी |
awards/पुरस्कार | भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, तथा और भी |
death/मृत्यु | 5 नवंबर 2011 |
deathplace/मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
age (मृत्यु के समय) | 85 साल |
religion/धर्म | हिन्दू |
nationality/राष्ट्रीयता | भारतीय |
Biography of Bhupen Hazarika in Hindi | भूपेन हजारिका का जीवन परिचय
दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने वाले भूपेन हजारिका का जन्म असम के तिनसुकिया जिले की सदिया में हुआ। उनके पिता का नाम नीलकांत था, जो मूलतः असम के शिवसागर जिले के नाजिरा शहर से थे। तथा उनकी माता का नाम शांतिप्रिया था। भूपेन का बचपन गुवाहाटी में बीता। दस संतानों में सबसे बड़े, हजारिका थे, जिहे बचपन से ही संगीत में काफी रूचि थी। बताया जाता है, कि संगीत में उनका लगाव अपनी माता के कारण हुआ, अपनी मां को देखकर उन्हें गाने की प्रेरणा मिली थी।
शिक्षा
भूपेन हजारिका अपनी शुरूआती पढाई सोनाराम हाई स्कूल तथा करीब 13 साल की उम्र में तेजपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। आगे की पढ़ाई के लिए वे गुवाहाटी आ गए, जहाँ उन्होंने वर्ष 1942 में भूपेन ने आर्ट से इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमए किया। बाद में उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए वे विदेश चले गए, जहाँ उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
Bhupen Hazarika’s career | भूपेन हजारिका का करियर
जैसा की ऊपर बताया गया है, की भूपेन हजारिका को अपनी मां को देखकर उन्हें गाने की प्रेरणा मिली थी, इसलिए उन्हें भी संगीत से लगाव होने लगा। उन्होंने केवल 10 साल की उम्र में असमिया भाषा में गाना गाने शुरू किये। उस समय के प्रसिद्ध फिल्म मेकर ज्योतिप्रसाद अग्रवाल ने उनकी आवाज सुनी और वह हजारिका की आवाज से बहुत प्रसन्न हुए। वर्ष 1936 में कोलकाता में भूपेन ने अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया। ज्योतिप्रसाद की फिल्म ‘इंद्रमालती‘ में उन्होंने दो गाने गाए , और तभी से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपना पहला गया सिर्फ 13 साल की उम्र में लिखा था, चूँकि उन्होंने अपने इस कला में महारत हासिल कर ली थी, इसलिए उनके सिंगर, कंपोजर और लिरिसिस्ट बनने का सफर शुरू हुआ।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भूपेन हजारिका ने गुवाहाटी में ऑल इंडिया रेडियो में गाना गाना शुरू किया । उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान प्राप्त था, इसलिए वह अपने गांव को अन्य भाषा में ट्रांसलेट कर गाते थे। धीरे धीरे वह पुरे गुवाहाटी सहित लोकप्रिय होने लगे और अपनी संगीत की दुनिया में गानो को अपना पेशा बना लिया।
आर्थिक तंगी और विवाह
भूपेन हजारिका के जीवन में अभी तक सब कुछ सही चल रहा था, तभी अपनी उच्च स्तरीय की शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोलंबिया यूनिवर्सिटी चले गए, जहाँ उनकी मुलाकात प्रियम पटेल से हुई, और धीरे धीरे उनका रिलेशनशिप गहरा होता गया और उन्होंने साल 1950 में शादी कर ली। साल 1952 में उनका एक बेटा तेज हजारिका के रूप में हुआ। विदेश से भारत वापस आने के बाद हजारिका और उनकी पत्नी में दरार पैदा होने लगी, तथा आर्थिक तंगी होने के कारण भूपेन हजारिका ने टीचर की नौकरी की लेकिन बहुत समय तक वो टीचर की नौकरी नहीं कर पाए और इस्तीफा दे दिया। आर्थिक तंगी के चलते उनकी पत्नी ने भी उनका साथ छोड़ दिया। तभी भूपेन हजारिका संगीत में वापसी करते हुए कई बेहतरीन और सुपरहिट गाने गाये।
उन्होंने मिल गई मंजिल मुझे‘, ‘साज‘, ‘दरमियां‘, ‘गजगामिनी‘, ‘दमन‘ और ‘क्यों‘ जैसी सुपरहिट फिल्मों में गीत में अपनी आवाज दी। म्यूजिक के क्षेत्र में उनके अद्भुत योगदान के लिए उन्हें 1975 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ उन्हें साल 2009 में असोम रत्न और साल 2011 में पद्म भूषण से नवाजा गया। संगीत जगत में अपना नाम बनाने वाले भूपेन हजारिका का 5 नवंबर 2011 को 85 साल की उम्र निधन हो गया।
भूपेन हजारिका के प्रसिद्ध गीत
- ऑटोरिक्शा चलाओ
- बिश्टिर्ना पाड़रे
- गजगामिनी (शीर्क गीत)
- गंगा
- बिस्तीर्ण दुपारे
- आमि एक यायाबर
- मानुष मानुषेर जन्ये
- असोम अमार रूपाहि
- प्रतिध्बनि शुनि
- सागर संगमे
- दिल हूम् हूम् करे (हिन्दी फिल्म रुदाली (१९९३ फिल्म) के लिए)
- आज जीबन खुँजे पाबि
Achievements of Bhupen Hazarika | भूपेन हजारिका की उपलब्धियां
- भारत रत्न
- पद्म विभूषण
- पद्म भूषण
- पद्म श्री
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
- संगीत नाटक अकादमी
- असम रत्न
- मुक्तिजोधा पदक
- 2022 – गूगल की और से ख़ास डूडल
see also – इन्हे भी पढ़े
फातिमा शेख का जीवन परिचय
कबीरदास का जीवन परिचय
नोट- यह संपूर्ण बायोग्राफी का श्रय हम भूपेन हजारिका जी को देते हैं क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?