Albert Einstein Story in Hindi – नमस्कार दोस्तों! आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे महान वैज्ञानिक के बारे में बताने जा रहे है, जिसका नाम सुनते ही, लोगों के दिमाग में एक महान वैज्ञानिक का नाम उभरकर आता है। जिनका नाम विश्व भर में गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के प्रवर्तक के रूप में बचपन से ही प्रसिद्ध है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम एल्बर्ट आइंस्टीन के जीवन की उन महत्वपूर्ण घटनाओं को जानेंगे जिनके चलते इस महान वैज्ञानिक का नाम इतिहास के पन्ने में दर्ज है। चलिए, हम इस महान व्यक्ति की अनसुनी कहानी को जानने के लिए एक शुरुआत करते हैं।
who was Albert Einstein? | अल्बर्ट आइंस्टीन कौन थे?
अल्बर्ट आइंस्टीन एक प्रसिद्ध और महान वैज्ञानिक थे, जो अपने सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc² के लिए जाने जाते हैं। इनका जन्म 14 मार्च, 1879 को उल्म, जर्मनी में हुआ था और उनकी मृत्यु 18 अप्रैल, 1955 को प्रिंसटन, न्यू जर्सी, अमेरिका में हुई थी। अपनी महत्वपूर्ण खोज और मानवता के कल्याण के योगदान के लिए उन्हें 1921 भौतिकी का नोबेल पुरस्कार और 1999 में टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति का दर्जा दिया गया।
Albert Einstein Story in Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय
name/नाम | अल्बर्ट आइंस्टीन |
famous for/प्रसिद्ध | E = mc² के लिए |
DOB/जन्मतिथि | 14 मार्च, 1879 |
birthplace/जन्मस्थान | उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य |
age/उम्र | 76 साल (at the time of death) |
profession/पेशा | वैज्ञानिक |
parents/माता-पिता | हरमन आइंस्टीन/पॉलिन आइंस्टीन |
wife/पत्नी | मिलेवा मेरिक (1903–1919) एलसा आइन्स्टाइन (1919–1936) |
childs/बच्चे | एडुआर्ड आइंस्टीन, हंस अल्बर्ट आइंस्टीन, लिसेरल आइंस्टीन |
death/निधन | 18 अप्रैल, 1955 |
nationality/राष्ट्रीयता | pantheism |
Albert Einstein Biography in hindi
विज्ञान के इतिहास में सबसे प्रतिभाशाली दिमागों में से एक देखा जाये तो एक नाम अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी के उल्म में हुआ था। उनके पिता एक सेल्समैन और इंजीनियर हरमन आइंस्टीन और एक गृहिणी पॉलीन कोच के यहाँ हुआ। बचपन में किसी को पता न था, की साधारण सा बालक ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
thomas alva edison story in hindi and invention story
आइंस्टीन का प्रारंभिक बचपन शदाहरण नहीं था, वह बोलने में धीरे थे, उन्हें किताबो से काफी लगाव था। उनके माता पिता के द्वारा दिए गए खिलोने के बावजूद किताबो से कुछ अलग ही लगाव था। छह साल की उम्र में, आइंस्टीन के माता-पिता ने उन्हें म्यूनिख के एक कैथोलिक प्राथमिक विद्यालय में दाखिला दिलाया, जहाँ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की।
साल 1888 में, जब आइंस्टीन नौ वर्ष के थे, तब उनका परिवार म्यूनिख चला गया, जहाँ उन्होंने लुइटपोल्ड जिम्नेजियम में अपनी शिक्षा जारी रखी। यहीं पर उनकी मुलाकात स्कूल के प्रिंसिपल हरमन मिन्कोव्स्की से हुई, जिन्होंने बाद में उनकी गणितीय सोच को प्रभावित किया। यही से अल्बर्ट को गणित के काफी रूचि मिली।
साल 1895 में, आइंस्टीन ने हाई स्कूल छोड़ने और स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में पॉलिटेक्निक संस्थान में प्रवेश पाने का प्रयास किया, लेकिन वह प्रवेश परीक्षा में असफल रहे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी स्विस कैंटोनल स्कूल में दाखिला लिया और अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद 1896 में, उन्हें अपने दूसरे प्रयास में पॉलिटेक्निक संस्थान में प्रवेश मिला, जहाँ उन्होंने भौतिकी और गणित का अध्ययन किया।
Albert Einstein Life Story in Hindi
साल 1900 में ज्यूरिख में पॉलिटेक्निक संस्थान से स्नातक होने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने विज्ञानं की दुनिया में खोज करना शुरू किया । अंततः उन्होंने 1902 में बर्न में स्विस पेटेंट कार्यालय में नौकरी कर ली। वहां काम करते हुए, उन्होंने सैद्धांतिक भौतिकी में अपनी रुचि जारी रखी और कई वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए।
अब वर्ष 1905 में, आइंस्टीन ने वैज्ञानिक पत्रिका एनालेन डेर फिजिक में चार अभूतपूर्व पत्र प्रकाशित किए। उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव ब्राउनियन गति और सापेक्षता के विशेष सिद्धांत जैसे विषयों को कवर किया, जिसके लिए उन्हें 1921 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला।
E=mc² का समीकरण
आइंस्टीन के सापेक्षता के विशेष सिद्धांत ने स्पेसटाइम की अवधारणा को पेश किया और अंतरिक्ष और समय के बारे में मौजूदा विचारों को चुनौती दी। प्रसिद्ध एक्वेशन E=mc², जो ऊर्जा (E) को द्रव्यमान (m) और प्रकाश की गति (c) से जोड़ता है, इस सिद्धांत का एक केंद्रीय घटक था। यह समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे महत्वपूर्ण खोज में से एक थी।
1915 में, आइंस्टीन ने वो कर दिखाया जिसके लिए वह जाएं जाते है, उन्होंने सापेक्षता का अपना सामान्य सिद्धांत पूरा किया, जिसके बाद उन्होंने बताया की गुरुत्वाकर्षण द्रव्यमान और ऊर्जा के कारण अंतरिक्ष-समय की वक्रता के परिणामस्वरूप होता है। पहला वर्ल्ड वार के समय 1919 में अल्बर्ट आइंस्टीन को बर्लिन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बन गये। इसी दौरान उन्हें फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव पर अपने काम के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
awards and achievements
- भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (1921)
- कोपले मेडल (1925)
- माटेउची मेडल (1921)
- मैक्स प्लैंक मेडल (1929)
- फ्रैंकलिन मेडल (1935)
- रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी का स्वर्ण पदक (1926)
- विज्ञान में सराहनीय सेवा के लिए बरनार्ड मेडल (1920)
- टाइम मैगज़ीन का पर्सन ऑफ़ द सेंचुरी (1999)।
Albert Einstein’s death in hindi
- अल्बर्ट आइंस्टीन का 18 अप्रैल, 1955 को 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु अमेरिका के न्यू जर्सी के प्रिंसटन में प्रिंसटन अस्पताल में हुई।
Albert Einstein quotes in hindi
धर्म के बिना विज्ञान लंगड़ा है और विज्ञान के बिना धर्म अँधा है।
– अल्बर्ट आइंस्टीन
ज्ञान का एक ही मात्र स्त्रोत है, यह है अनुभव।
– अल्बर्ट आइंस्टीन
See Also – इन्हें भी पढ़ें
atal bihari vajpayee biography in hindi
नोट- यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम अल्बर्ट आइंस्टीन को देते हैं, क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?