Ajit Doval Biography in Hindi– दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं, भारत के जेम्स बांड कहे जाने वाले अजीत डोभाल के बारे में। अभी तक अजीत डोभाल ने भारत के हित में जो कार्य किया है, वह सच में सराहनीय है। भारत में दुखों का संकट से बाहर निकालने का हाथ अजीत डोभाल को ही जाता है, इसलिए इस लेख में आपको अजीत डोभाल से जुड़ी सभी जानकारियां मिलेंगी , तो चलिए जानते हैं अजीत डोभाल के जीवन तथा उनकी सफलता के बारे में।
अजीत डोभाल कौन है? (Who is Ajit Doval)
अजीत डोभाल जिनका पूरा नाम अजीत कुमार डोभाल है, वह भारत के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी (आईपीएस) तथा पूर्व IB निदेशक है, जिनका जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड में हुआ था। यह वर्तमान में भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) है, जिन्होंने 30 मई 2014 को यह पद ग्रहण किया था, इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हुआ करते थे। भारत के लिए जम्मू कश्मीर से 370 हटाना और ऑपरेशन ब्लैक थंडर को सफलतापूर्वक पूरा करवाने का श्रेय अजीत डोभाल को जाता है।
अजीत डोभाल का जीवन परिचय (Ajit Doval Biography in Hindi)
name/नाम | अजीत डोभाल |
DOB/जन्म तिथि | 20 जनवरी 1945 |
birthplace/जन्मस्थान | पौड़ी, गढ़वाल (उत्तराखंड) |
age/उम्र | 78 साल (2023) – update |
work/कार्य | पूर्व प्रशासनिक अधिकारी IPS, पूर्व IB निदेशक वर्तमान – NSA राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार |
wife/पत्नी | अरुणी डोभाल |
children/बच्चे | शौर्य डोभाल/विवेक डोभाल |
post/पद | NSA – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार |
religion/धर्म | हिन्दू |
caste/जाति | गढ़वाल ब्राह्मण |
nationality/राष्ट्रीयता | भारतीय |
Ajit Doval Biography in Hindi
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अपना रुतबा बनाने वाले अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को भारत की आजादी के 2 साल पहले उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गुणानंद डोभाल था, जो कि एक खुद भी आर्मी ऑफिसर थे। शायद इसी वजह से अजीत डोभाल का भी देश भक्ति की भावना रही होगी। अगर बात करें उनकी प्रारंभिक शिक्षा की तो उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के सैन्य स्कूल से प्राप्त की और बाद में आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया। पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद अजीत डोभाल आईपीएस की तैयारी में जुट गए और कड़ी मेहनत के जरिए केरल कैडर से साल 1968 में आईपीएस के लिए चुने गए।
खुफिया एजेंट के रूप में अजीत डोभाल
4 साल तक आईपीएस के रूप में कार्य करते रहे अजीत डोभाल ने सन 1972 में एक खुफिया एजेंट के रूप में Entelligence Bureau के साथ जुड़ गए। और एक खुफिया एजेंट के तौर पर अजीत डोभाल पाकिस्तान में 7 साल रहे, जहां उन्होंने इस दौरान उन्होंने भारतीय सुरक्षा एजेंसी की सहायता की। इसके बाद उन्होंने 1971 से लेकर 1999 तक भारत के हित में कई महत्वपूर्ण सहायता की। और साल 1999 में कंधार हाईजैक में अजीत डोभाल ने अन्य तीन लोगों के साथ यात्रियों की रिहाई करवाने में मदद की। 1998 में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर आतंकियों का कब्जे के चलते अजीत डोभाल द्वारा ऑपरेशन ब्लैक थंडर चलाया गया।
इसके बाद अजीत डोभाल ने कई सर्जिकल स्ट्राइक की योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक आइबी के संचालन विंग का नेतृत्व किया और मल्टी एजेंसी सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष रहे। साथी वह इंटेलिजेंस पर संयुक्त कार्य बल (जीटीएफआई) के संस्थापक अध्यक्ष रहे।
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NSA ( राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार )
1972 में इंटेलिजेंस ब्यूरो में जुड़ने के बाद साल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के रूप में रिटायर हुए। और साल 2014 में उन्हें NSA राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद दिया गया, जिसे अजीत डोभाल ने बखूबी निभाया। उन्होंने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक में भी भूमिका निभाई और साथ ही 2019 में भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान से भारत वापस लाने का श्रेय अजीत डोभाल को ही जाता है। खुफिया एजेंट के तौर पर अब तक अजीत डोभाल ने भारत के लिए जो कार्य किए है, वह सच में काबिले तारीफ है।
पुरस्कार और उपलब्धियां
- अजीत डोभाल को राष्ट्रपति, पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
- अजीत डोभाल अपनी सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के पुलिस अधिकारी थे। पुलिस में अपनी 6 साल की सेवा पूरी करने के बाद उन्हें यह पुरस्कार मिला।
- 1998 में, उन्हें सर्वोच्च वीरता पुरस्कार- कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। वह यह पुरस्कार पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी थे, जो पहले सैन्य सम्मान के रूप में दिया जाता था।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
अजीत डोभाल वर्तमान में क्या है?
अजीत डोभाल को कीर्ति चक्र कब मिला?
वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन है?
भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन थे?
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नोट- यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम अजीत डोभाल को देते हैं, क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?